बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को HC से मंजूरी से श्रद्धालु गदगद, पहले से ब्लू प्रिंट तैयार, ऐसा होगा गलियारा
Banke Bihari Temple
मथुरा। Banke Bihari Temple: इलाहाबाद हाई कोर्ट से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए गलियारा को हरी झंडी मिलने के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए जूझने से अब जल्द मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी है। भव्य और दिव्य गलियारा बनने के बाद एक बार में 10 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में ठहर सकते हैं। परिक्रमा मार्ग स्थित जुगल घाट से गलियारा का मुख्य प्रवेश द्वार प्रस्तावित है। गलियारा का स्वरूप ऐसा है कि उसके अंदर प्रवेश करते ही ठाकुर बांकेबिहारी की छवि बाहर से दिखाई देगी।
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में बढ़ती भीड़ को देख सरकार ने यहां पांच एकड़ में गलियारा प्रस्तावित किया है। जुगलघाट स्थित परिक्रमा मार्ग से इसका मुख्य रास्ता दिया गया है। यमुना के किनारे बन रहे यमुना रिवर फ्रंट से गलियारा के लिए रास्ता जाएगा। मंदिर परिसर में दो तल होंगे, एक निचला तल होगा और एक तल उससे साढ़े तीन मीटर ऊंचा बनाया जाएगा। ठाकुर बांकेबिहारी ऊपरी तल पर विराजमान होंगे। हर तल पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
मंदिर आने के लिए बनेंगे तीन रास्ते
बांकेबिहारी मंदिर आने के लिए गलियारे में तीन रास्ते बनाए जाएंगे। एक रास्ता जुगलघाट से सीधा मंदिर तक पहुंचेगा। एक रास्ता विद्यापीठ चौराहे से आएगा और तीसरा रास्ता जादौन पार्किंग से आएगा, इसे वीआइपी मार्ग कहा जाता है। ये रास्ते करीब 20 से 25 मीटर तक चौड़े होंगे।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होगा गलियारा
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर परिसर इतना भव्य होगा कि यहां पर प्राकृतिक वातावरण के बीच श्रद्धालु बैठ सकेंगे। इसके लिए चार ऐसे स्थल विकसित किए जाएंगे, जो हरियाली के बीच पार्क के रूप में होंगे। यहां श्रद्धालुओं के बैठने की भी व्यापक व्यवस्था होगी।
दो हिस्सों में बांटा परिसर
यहां की बनावट के हिसाब से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के परिसर को दो हिस्सों में बांटा जा रहा है। निचले तल पर श्रद्धालुओं बैठने के लिए दो हरे-भरे दो पार्क विकसित किए जा रहे हैं। ये परिसर करीब 11 हजार वर्गमीटर का होगा। यहां पांच हजार मीटर का खुला क्षेत्र होगा। यहां जूता घर, सामान कक्ष, सार्वजनिक सुविधाएं, शिशु देखभाल कक्ष, चिकित्सा सुविधा, विशिष्ट अतिथि कक्ष, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पूजा सामग्री की दुकानें, तीर्थयात्री प्रतीक्षालय के साथ ही कान्हा की लीलाओं से सुसज्जित छायाचित्रों का गलियारा होगा।
10 हजार वर्गमीटर का होगा ऊपरी तल
बांकेबिहारी मंदिर परिसर का ऊपरी तल करीब 10 हजार मीटर का होगा। ये निचले तल से साढ़े तीन मीटर ऊंचा होगा। सीढ़ियों के जरिए श्रद्धालु ऊपरी तल पर पहुंचेंगे। अगल-बगल सीढ़ियों और बीच में भव्य फव्वारा होगा। ऊपरी तल पर चढ़ते ही सामने ठाकुर बांकेबिहारी दिखाई देंगे। यहां करीब नौ सौ मीटर में मंदिर की परिक्रमा के लिए मार्ग विकसित किया जाएगा। करीब साढ़े छह हजार वर्गमीटर का खुला क्षेत्र विकसित होगा। जूता घर, सामान कक्ष, सार्वजनिक सुविधाएं, शिशु-देखभाल कक्ष, चिकित्सा सुविधाएं, विशिष्ट अतिथि कक्ष, करीब 1800 वर्गमीटर का तीर्थयात्री प्रतीक्षालय होगा। यहां पर करीब आठ सौ वर्गमीटर का कान्हा की लीलाओं के चित्रों से सुसज्जित गलियारा होगा, इसी गलियारे पर श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए कतार लगेगी। इसी में मंदिर से जुड़ा प्रथम तल होगा। जिसमें तीर्थयात्रियों के लिए गलियारा, पुलिस नियंत्रण कक्ष और मंदिर का प्रबंधन कक्ष होगा।
प्रमुख प्वाइंटर
- 2 तलों में बनेगा प्रवेश परिसर
- प्रवेश परिसर का निचला तल
- 11300 वर्गमी का होगा प्रवेश परिसर का निचला तल।
- 800 वर्गमीटर में होंगी पूजा सामग्री की दुकानें।
- 3500 वर्गमीटर में बनेगा तीर्थयात्री प्रतीक्षालय।
- 800 वर्गमीटर में कान्हा की लीलाओं के चित्रों का गलियारा होगा।
- 5113 वर्गमीटर होगा खुला क्षेत्र।
- प्रवेश परिसर का ऊपरी तल
- 10600 वर्गमीटर में होगा प्रवेश परिसर का ऊपरी तल
- 3.5 मीटर ऊपरी तल निचले तल से ऊंचा बनेगा।
- 900 वर्गमीटर में होगा मंदिर परिक्रमा मार्ग।
- 800 वर्ग मीटर में होगा छायाचित्रों का गलियारा (इसमें तीर्थयात्रियों की लाइन लगेगी)।
- 1800 वर्गमीटर में बनेगा तीर्थयात्री प्रतीक्षालय।
- 6580 वर्गमीटर में होगा खुला क्षेत्र।
- प्रथम तल
- 2380 वर्गमीटर का होगा प्रथम तल।
- 1150 वर्गमीटर में बनेगी तीर्थयात्री प्रतीक्षालय।
- 800 वर्गमीटर का गलियारे में भक्तों की लाइन लगेगी।
- (यहां खोया पाया कार्यालय, प्रसाधन, पेयजल, शिशु देखभाल कक्ष, चिकित्सा सुविधाएं, पुलिस नियंत्रण कक्ष, प्रबंधन कक्ष, अनुरक्षण कार्यालय, विद्युतीय सेवाएं होंगी)
- 13093 वर्गमीटर का क्षेत्र मंदिर परिसर में खुला होगा।
- 23,182 वर्गमीटर का क्षेत्र मंदिर परिसर में कवर्ड होगा।
- मंदिर के पूर्व पश्चिम में आपातकालीन और अग्निशमन वाहनों के लिए पहुंच मार्ग होगा।
- मंदिर परिसर तक तीन मार्गों से पहुंचा जाएगा, एक मार्ग जुगलघाट परिक्रमा मार्ग से आएगा, एक विद्यापीठ चौराहा से और एक जादौन पार्किंग से।
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